17 फरवरी का इतिहास और देश दुनिया की प्रमुख घटनाएँ
17 February History In Hindi, देश और दुनिया में 17 फरवरी को घटी प्रमुख घटनाएं

17 फरवरी का इतिहास और देश दुनिया की प्रमुख घटनाएँ
आज का इतिहास 17 फरवरी भारत और विश्व के इतिहास में 17 फरवरी के दिन बहुत सी घटनाएँ घटी है जो की आज भी इतिहास में मिलती है यहां पर हम आपको 17 फरवरी के दिन इतिहास में घटी प्रमुख घटनाओं के बारें में जानकारी प्रदान करते है।
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17 फरवरी का इतिहास व प्रमुख घटनाएँ
1600 – गियोर्डानो ब्रूनो की मृत्यु-
गियोर्डानो ब्रूनो का आज निधन हो गया। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। सूर्य के समान अनेक तारे हैं। उन्होंने कहा कि उनके चारों ओर पृथ्वी जैसे कई ग्रह हैं और उन पर जीवन हो सकता है। इस दिन 1600 में, गियोर्डानो ब्रूनो को उनके गैर-बाइबिल शिक्षा के लिए क्रूस पर चढ़ाया गया और जला दिया गया था।
1782 – बुधु भगत का जन्म
स्वतंत्रता सेनानी बुधु भगत का जन्म हुआ था। बुधु भगत का जन्म 17 फरवरी को झारखंड राज्य के रांची जिले के सिलगाई में हुआ था। अंग्रेजों ने आदिवासियों से जमीन का अधिकार छीनकर जमींदारों को देने का षड़यंत्र रचा था। इस अन्याय के खिलाफ बुधु भगत ने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष शुरू किया।
1801: राष्ट्रपति चुनाव में बराबर वोट
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में थॉमस जेफरसन और आरोन बूर को समान वोट मिले। प्रतिनिधि सभा ने जेफरसन को राष्ट्रपति बनाया। इसलिए बार को उपाध्यक्ष बनाया गया
1874 थॉमस जॉन वाटसन
आज ही के दिन अमेरिकी बिजनेसमैन थॉमस वॉटसन का जन्म हुआ था। थॉमस ने अमेरिका में उद्योग को एक नई दिशा दी। थॉमस वाटसन IBM की स्थापना इसी कंपनी ने की थी। 19 जून 1956 को उनका निधन हो गया।
1881 क्रांतिकारी लहूजी वस्ताद की पुण्यतिथि –
क्रांतिकारी लहूजी वस्ताद का निधन आज ही के दिन 1881 में हुआ था। लहूजी साल्वे का पूरा नाम लहू राघोजी साल्वे था। उनका जन्म पुरंदर किले की तलहटी में ‘पेठ’ गाँव में मतंग परिवार में हुआ था। मतंग सम्प्रदाय में जन्मे लहूजी को उनके परिवार के शूरवीरों ने युद्ध कला में प्रशिक्षित किया था। लहूजी के पिता का नाम राघोजी साल्वे और माता का नाम विठाबाई था। लहूजी साज-सज्जा, घुड़सवारी, भाला फेंक, मांडूक, तोप चलाने में निपुण हैं। उन्हें क्रांतिचौर, क्रांतिगुरु, लहुजीबुवा, मांग के नाम से भी जाना जाता है।
1883 – वासुदेव बलवंत फड़के की पुण्यतिथि-
उग्र राष्ट्रवाद के जनक वासुदेव बलवंत फड़के की 17 फरवरी को पुण्यतिथि है। क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फड़के की मृत्यु आज ही के दिन 1883 में काले पानी की सजा काटते हुए हुई थी। राजनीतिक रुख अख्तियार करते हुए उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ दिया था। अदन में वह काले पानी की सजा काट रहा था। वासुदेव बलवंत फड़के का जन्म पनवेल के पास शिरधों में हुआ था। उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आद्य-क्रांतिकारी या सशस्त्र क्रांति का जनक माना जाता है।
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