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CBSE 12th Exam: परीक्षा आयोजित करने की योजना पर पक्ष बंटे, जानें किसने क्या कहा

CBSE 12th Exam – परीक्षा आयोजित करने की योजना पर पक्ष बंटे

CBSE 12th Exam – भिन्न प्रारूप में परीक्षा आयोजित करने की सरकार की योजना पर संबंधित पक्ष बंटे, जानें किसने क्या कहा

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CBSE 12th Exam 2021

CBSE 12th Exam 2021: कई लोगों की दलील है कि परीक्षाएं अहम होती हैं तथा वैकल्पिक मूल्यांकन इंसाफ नहीं कर पाएगा.

कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में भिन्न प्रारूप में बारहवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करने की सरकार की योजना पर शिक्षा क्षेत्र बंटा हुआ नजर आ रहा है.

जबकि विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों का एक समूह इसे रद्द करने की मांग कर रहा है.

कई लोगों की दलील है कि परीक्षाएं अहम होती हैं और वैकल्पिक मूल्यांकन इंसाफ नहीं कर पाएगा.

हालांकि अन्य लोगों की राय है कि विद्यार्थियों एवं अध्यापकों का ‘कल्याण’ ऐसी असाधारण स्थिति में सर्वोपरि है.

वैसे रविवार को उच्च स्तरीय बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि परीक्षाएं आयोजित कराने पर राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और एक जून तक इस बारे में अंतिम निर्णय की घोषणा कर दी जाएगी.

 

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा,

‘‘इन 19 विषयों के लिए परीक्षाएं आयोजित करना समान रूप से खतरनाक है क्योंकि यह सभी विषयों के लिए होगा एवं देश में वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह एक ऐसा जोखिम नहीं है जिसे मोदी सरकार को लेना चाहिए. विद्यार्थियों की जान जोखिम में डालना ऐसी आखिरी चीज है जिसे इस सरकार को करना चाहिए.’’

 

इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अनुभा श्रीवास्तव ने कहा

‘‘बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई सर्वसम्मत निर्णय नहीं होने के करण भारत में पूरी अराजकता है. यह सब पूर्व नियोजित है. उनकी जुलाई में परीक्षाएं आयोजित करने की योजना है क्योंकि उनके पास ऑनलाइन परीक्षा के लिए इंतजाम नहीं है और इंटरनल मूल्यांकन, उनकी विफलता है.’’

 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक में कहा था कि उनकी सरकार सीबीएसई द्वारा गौर किये जा रहे परीक्षाएं आयेाजित करने के विकल्पों के पक्ष में नहीं है और विद्यार्थियों के टीकाकरण के बिना इस दिशा में बढ़ना एक बड़ी भूल साबित होगी.

 

अह्लकॉन ग्रुप ऑफ स्कूल्स के निदेशक अशोक पांडे ने कहा,

‘‘ परीक्षाएं महत्वूपर्ण हैं लेकिन असाधारण स्थिति में सहानुभूति, कल्याण की चिंता परीक्षाओं के आयोजन के प्रयास से पहले आनी चाहिए.’’

दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर सी जैन ने कहा,

‘‘ हम परीक्षाएं कराने के लिए तैयार हैं. परीक्षाएं नहीं कराने के लिए टीकाकरण का बहाने के तौर पर दिल्ली सरकार द्वारा इस्तेमाल करना उचित नहीं है. परीक्षाएं अहम हैं और वैकल्पिक मूल्यांकन से इंसाफ नहीं होगा.’’

सूत्रों के अनुसार सीबीएसई ने 15 जुलाई से 26 अगस्त तक परीक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव रखा. उसका यह भी प्रस्ताव है कि 19 बड़े विषयों की नियमित परीक्षा हो या लघु अवधि परीक्षा हो. लेकिन आधिकारिक रूप से अभी तक बोर्ड परीक्षाओं को लेकर निश्चित दिनांक घोषित नहीं की गई है इस पर अभी विचार विमर्श चल रहे हैं जैसे ही इसकी अधिकारिक घोषणा होगी इसकी सूचना आपको इस वेबसाइट के द्वारा प्रदान की जाएगी तब तक आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रहिए.

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