
Chanakya Neeti: सांप से भी ज्यादा खतरनाक होता है इस स्वभाव वाला व्यक्ति
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आचार्य चाणक्य की नीतियां और अनमोल वचन बहुत ही प्रभावशाली है।
जो भी होती आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियों के अनुसार चलता है वह जीवन में कभी भी पीछे नहीं रहता हैं। आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए अनमोल वचन हमारे दैनिक जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं और जो इंसान उनके द्वारा बताए गए अनमोल वचन व नीतियों के अनुसार चलता है वह जीवन में कभी दुखी व परेशान नहीं होता है।
आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई अनमोल विचारों में से आज हम एक विचार के बारे में जानेंगे।आज
का यह विचार है कि एक दुष्ट व्यक्ति की प्रवृत्ति और सांप में क्या अंतर होता है।
‘ दुष्ट व्यक्ति और सांप में अंतर है…सांप तभी डसेगा जब उसकी जान को आपसे खतरा महसूस हो। लेकिन दुष्ट व्यक्ति आपका हर कदम पर नुकसान करने की फिराक में रहेगा।’
आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के अनुसार सांप और दुष्ट व्यक्ति दोनों ही जहरीले होते हैं। लेकिन दोनों में बहुत अंतर है।
हम सांप को सबसे ज्यादा जहरीला मानते हैं ।
लेकिन आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि सबसे ज्यादा कोई जहरीला है तो दुष्ट व्यक्ति है।
जहरीले सांप और दुष्ट व्यक्ति में अंतर
Chanakya Neeti In Hindi
सांप की फन भले ही जहर होता है लेकिन वह उस जहर का उपयोग तभी करता है जब उसकी जान खतरे में होती है। इसका मतलब यह है कि सांप केवल अपनी जान बचाने के लिए ही अपने अंतिम हथियार जहर का उपयोग करता है और बिना किसी वजह किसी को डंसता नहीं है।
यदि दुष्ट व्यक्ति की बात की जाए
तो वह कभी भी किसी भी समय किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।चाहे कोई व्यक्ति उसे नुकसान पहुंचाया ना पहुंचाएं। ऐसा इसलिए है कि दुष्ट व्यक्ति ना तो भला सोचता है और ना ही बुरा करने से पहले एक बार सोचता है। क्योंकि ऐसे व्यक्ति स्वार्थी होते हैं और वे केवल अपने बारे में ही सोचते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य ने दुष्ट व्यक्ति को जहरीले सांप से भी भयानक बताया है।
कैसे बचे दुष्ट व्यक्ति से ( Chanakya Neeti )
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
तो ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाकर रहने में ही समझदारी होगी ।
ऐसा करने से ना केवल आप सुखी रहेंगे बल्कि आने वाली मुसीबतोंं से भी बच पाएंगे।