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Child Care: शिशु के लिए मालिश क्यों है जरुरी और क्या है इसे करने का सही तरीका
इन तेलों से करें शिशु की मालिश
Child Care: शिशु के लिए मालिश क्यों है जरुरी और क्या है इसे करने का सही तरीका
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Child Care: शिशु के लिए मालिश क्यों है जरुरी और क्या है इसे करने का सही तरीका
मालिश के दौरान मां के हाथों के स्पर्श से बच्चा अपने लिए मां प्यार को तो महसूस करता ही है साथ ही मालिश बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिशु की मालिश का चलन सदियों से चला आ रहा है क्योंकि शिशु की मालिश से उसे कई तरह के फायदे होते हैं. मालिश के दौरान मां के हाथों के स्पर्श से बच्चा अपने लिए मां प्यार को महसूस करता है. साथ ही इससे उसका बॉन्ड भी मां के साथ बेहतर होता है।
इन तेलों से करें शिशु की मालिश
मुख्यतया शिशु की मालिश के लिए सरसों के तेल, जैतून के तेल और घी का प्रयोग किया जाता है, इससे बच्चे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उसका तनाव कम होता है आप चाहें तो बच्चे की रोज मालिश कर सकती हैं या फिर सप्ताह में तीन से चार बार भी कर सकती हैं।
जाने क्या है मालिश करने का सही तरीका
- बच्चे का शरीर बहुत कोमल होता है, इसलिए उसकी मसाज हमेशा हल्के हाथों से की जानी चाहिए।
- एकदम हल्के हाथों से गोल-गोल घुमाते हुए तेल या लोशन को उसके शरीर पर लगाएं।
- न तो ज्यादा दबाव डालें और न ही ज्यादा रगड़ें।
- मालिश के दौरान इस बात का खयाल रखें कि तेल या लोशन बच्चे की आंख, नाक या मुंह में न जाए।
- बच्चे की मालिश हमेशा पैरों से शुरू करके चेहरे व सिर तक करें।
- उसकी पीठ में भी मसाज करें इससे उसे काफी आराम मिलता है।
- मालिश से पहले नाखूनों को काटकर रखें और ज्वेलरी को उतार दें ताकि बच्चे को किसी तरह की चुभन न हो।
- हाथों को अच्छे से धोने के बाद ही मसाज करें।
मालिश करने के तुरंत बाद बच्चे को न नहलाए
- कुछ लोग मालिश के बाद शिशु को नहला देते हैं, लेकिन ये ठीक नहीं है, मालिश से बच्चे का शरीर गर्म हो जाता है,
- इसके तुरंत बाद उसे नहलाने से बच्चा बीमार पड़ सकता है।
- मालिश के करीब एक घंटे बाद बच्चे को नहलाया जा सकता है।
- लेकिन इसके लिए हमेशा गुनगुने पानी का ही प्रयोग करें।