Gandhi Jayanti Speech In Hindi, गांधी जयंती पर दे यह छोटा सा भाषण, मिलेगा इनाम
Gandhi Jayanti Speech In Hindi: जैसे की आप सभी जानते है की हर वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है इस अवसर पर देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में वाद-विवाद, भाषण और निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। हम यहां पर एक भाषण देख रहे है।
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Gandhi Jayanti Speech In Hindi: देश में हर साल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप मे मनाया जाता है। देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी की अहम भूमिका रही गांधी जी महान राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक रहे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर कई-कई बार ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया। सत्य और अहिंसा के सिद्धांत उनकी ताकत थे। बिना हथियारों के कैसे अपने अधिकार हासिल किए जा सकते हैं, इसकी उन्होंने दुनिया भर के सामने एक मिसाल पेश की। 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में वाद-विवाद, भाषण और निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। हम यहां गांधी जयंती पर भाषण का एक उदाहरण दे रहे हैं जिसे देकर आप कंपीटिशन में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
गांधी जयंती पर भाषण इस प्रकार दे सकते है
आदरणीय शिक्षक गण और मेरे साथियों…
आज गांधी जयंती का यह अवसर मनाने के लिए हम सभी यहां पर एकत्रित हुये हैं। सबसे पहले मैं आप सबको का आभारी हूं कि आपने मुझे आज महात्मा गांधी के जन्मदिन पर उनके बारे में मुझे अपने विचार प्रस्तुत करने का अवसर दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। हमारा देश उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। गांधी जी की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज भारत के बाहर दुनिया के अन्य कई देशों में उनकी मूर्ति है, जगहों के नाम हैं। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है।
बापू के जीवन की छाप आज हमारे खान-पान, रहन-सहन, भाव विचार, भाषा शैली में साफ देखी जा सकती है। गांधी सहिष्णुता, त्याग, संयम और सादगी की शानदार मिसाल थे। उनके अद्भुत नेतृत्व क्षमता थी। स्वतंत्रता आंदोलन में जनता ने उनके नेतृत्व में जेलें भरीं, लाठियां गोलियां खाईं। उनके सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, चंपारण सत्याग्रह, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, रॉलेट एक्ट, नमक कानून, भारत छोड़ो जैसे आंदोलनों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया और आजादी पाने की राह आसान हो गई।
गांधी जी ने शराब का विरोध किया। गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो। सबके साथ समान व्यवहार हो। महिलाओं का सम्मान हो। सबको न्याय मिले। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। उन्होंने हरिजन उत्थान के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। वह खुद हरिजन बस्ती में रहने लगे थे। हरिजनों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए।
गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया। विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला। आजादी के अलावा गांधी जी का एक और सपना था, ग्राम स्वराज। वह चाहते थे कि गांव आत्मनिर्भर हों। गांव में उद्योग धंधे मजबूत हों। उनका यह सपना तब पूरा हुआ जब 1993 में देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई।
साथियों आज के दिन हमें गांधी जी के इन महान विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।
धन्यवाद।
जय हिन्द।
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