यदि आप भी तहसीलदार बनने का सपना देख रहे हैं तो दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें। तहसीलदार कैसे बनते हैं?क्या योग्यता होती है तथा उनके क्या-क्या काम होते हैं?
तहसीलदार कैसे बने
हमारे देश में कई राज्य हैं, उन राज्यों के कई जिले हैं और उन जिलों में कई तहसीलें हैं। उस तहसील में रहने वाले प्रभारी अधिकारी को तहसीलदार कहते हैं तहसीलदार कर अधिकारी होता है जिसका कार्य मुख्य रूप से राजस्व संग्रह और पर्यवेक्षण करना है। तहसीलदार की ज़िम्मेदारी भूमि संबंधी विवादों को हल करना तथा राजस्व एकत्र करने होता है। इसके अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण मामलों व प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान हेतू राहत अभियान शुरू करना भी तहसीलदार का कार्य होता है।
तहसीलदार कैसे बना जाता है?
तहसीलदार बनने के लिए मन लगाकर अध्ययन करना होगा, पूरा फोकस के साथ परिश्रम करना होगा, जिसके द्वारा ही लक्ष्य प्राप्त हो सकता है। तहसीलदार बनने के लिए सर्वप्रथम आपको नया तहसीलदार के रूप में नियुक्त होना पड़ेगा। यह एक सिविल सेवा परीक्षा है। उत्तीर्ण होने के कुछ समय बाद ही आप तहसीलदार के पद को प्राप्त कर सकते हैं।
योग्यता
तहसीलदार पद के लिए आपके पास स्नातक की डिग्री होनी चाहिए तथा उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक होना चाहिए।
आयु
उम्मीदवार की आयु 21 से 40 साल होनी चाहिए। जो आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त छूट देता है। ओबीसी के 3 साल और एससी/एसटी वर्ग के लिए पांच साल है।
चयन किस प्रकार होता है?
- सभी राज्य में तहसीलदार बनने की परीक्षा के 3 चरण होते हैं
- इन तीनों परीक्षाओं का रूप बिल्कुल भिन्न होता है। पहला स्क्रीनिंग टेस्ट, दूसरा मुख्य परीक्षा तथा तीसरा साक्षात्कार।
स्क्रीनिंग टेस्ट: इस परीक्षा के पहले चरण में आपका स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना होता है जिसमें सामान्य ज्ञान के कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न उम्मीदवार से पूछे जाते हैं पूछे जाते है। प्राप्त अंकों से इसका परिणाम तय किया जाता है।
मेन्स परीक्षा: स्क्रीन टेस्ट में उत्तीर्ण होने के बाद आपकको केंद्रीय समीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इस परीक्षा में स्क्रीन टेस्ट के मुकाबले ज्यादा जटिल प्रश्न पूछे जाते हैं।
साक्षात्कार: उम्मीदवार द्वारा दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के बाद उम्मीदवार को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जिससे उम्मीदवार की योग्यता व व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है। इसके आधार पर तहसीलदार पद के लिए उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाता है
तहसीलदार के कार्य
राज्य के जिले में राजस्व से संबंधित रिकॉर्ड रखने का कार्य तहसीलदार की जिम्मेदारी होती है। प्राकृतिक आदर तथा अन्य किसी कारण हुए फसल का नुकसान का मुआवजा भी तहसीलदार द्वारा दिया तथा रोका जा सकता है । इनके अंदर काम करने वाले पटवारिओं पर निगरानी या अन्य कानून का निरीक्षण करना भी होता है।
तहसीलदार वेतन
तहसीलदार का पद 2 पदों में विभाजित होता है पहला नायब-तहसीलदार जिसका वेतन 9,300 रुपये से 34800 रुपये तक प्रति माह होता है। दूसरा तहसीलदार जिसकी वेतन 15,600 रुपये से 39,100 रुपये प्रति माह प्राप्त करते हैं। महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, पेंशन, चिकित्सा आदि का सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
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