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त्योहारपूजा विधि

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें ‘रुद्राभिषेक’ मीट जाएंगे सारे रोग-दोष

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें 'रुद्राभिषेक' दूर होंगी सभी बीमारियाँ

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें ‘रुद्राभिषेक’ मीट जाएंगे सारे रोग-दोष: Mahashivratri 2022 यजुर्वेद के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करना बहुत ही लाभकारी होता है इस दिन शिवजी के रुद्राभिषेक से ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें ‘रुद्राभिषेक’ मीट जाएंगे सारे रोग-दोष

इस वर्ष महाशिवरात्रि का पावन पर्व 1 मार्च2022, मंगलवार को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक बहुत खास माना गया है। वेदों में भी रुद्राभिषेक की महिमा का वर्णन किया गया है। यजुर्वेद में कहा गया है कि घर पर या शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना बहुत लाभकारी होता है। रुद्राभिषेक करने से ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। रुद्राभिषेक की करने की सही विधि क्या है आइये जानते है।

रुद्राभिषेक करने की विधि (Rudrabhishek Vidhi)

रुद्राभिषेक करने के लिए शिवलिंग को उत्तर दिशा में रखना चाहिए। अभिषेक करने वाले का या अन्य लोगों का मुख पूरब दिशा की ओर होना उत्तम माना गया है। सबसे पहले श्रृंगी (अभिषेक करने वाले पात्र) से शिवलिंग पर गंगाजल डालें और फिर अभिषेक की शुरूआत करें। रुद्राभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र, शिव पंचाक्षर मंत्र (नमः शिवाय) या रूद्र मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजन करते समय शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं। इसके बाद पान का पत्ता, बेलपत्र, सुपारी आदि पूजन सामग्रियां शिवलिंग पर चढ़ाएँ। इसके बाद शिव के निमित्त बनाए गए भोग अर्पित करें। साथ ही शिव मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है। इसके बाद सपरिवार भगवान शिवजी की आरती करें। शिवजी की आरती के बाद अभिषेक के जल का पूरे घर में छिड़काव करें। अभिषेक के दौरान शिव मंत्रों का जाप जारी रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।

अभिषेक से पहले इन देवी-देवताओं का करे आवाह्न

रुद्राभिषेक एक महत्वपूर्ण पूजा है, ऐसे में अभिषेक शुरू करने से पहले देवी देवताओं का आवाह्न करना चाहिए। सबसे पहले भगवान गणेश का आवाह्न करते हैं। इसके बाद माता पार्वती, नवग्रह, पृथ्वी माता, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का आवाह्न करें और पूजन किया जाता है। इसके बाद सभी देवी-देवताओं को अक्षत, रोली और फूल चढ़ाकर उनकी स्तुति की जाती है। इसके बाद रुद्राभिषेक शुरू किया जाता है। यह भी पढ़ें – महाशिवरात्रि पर बन रहा ‘महासंयोग’ इन 5 राशि वाले लोगो की सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

रुद्राभिषेक पूजन सामग्री (Rudrabhishek Pujan Samagri)

Rudrabhishek Pujan Samagri: रुद्राभिषेक पूजन सामग्रियों में शुद्ध गाय का घी, पान के पत्ते, फूल, चंदन, धूप, गंध, कपूर, बेलपत्र, मिठाई, मौसमी फल, शहद, दही, ताजा दूध, गुलाब जल, मेवा, पंचामृत, नारियल पानी, गन्ने का रस, चंदन जल, गंगाजल, शुद्द जल, सुपारी और नारियल आदि को शामिल किया जाता हैं। रुद्राभिषेक शुरू करने से पहले इन्हें एकत्र कर लें। रुद्राभिषेक में सबसे महत्वपूर्ण होता है श्रृंगी (अभिषेक का पात्र). पीतल की श्रृंगी को अभिषेक के लिए उत्तम माना गया है। हालांकि किसी अन्य धातु की श्रृंगी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। रुद्राभिषेक दौरान इन चीजों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

नोट: यहां पर बताई गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है Search Duniya इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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