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Samod Veer Hanuman Ji Temple, जब हनुमान जी ने खुद यहां प्रकट होने की इच्छा बताई

Samod Veer Hanumanji Mandir, सामोद वीर हनुमान मंदिर का इतिहास

Samod Veer Hanuman Ji Temple, जब हनुमान जी ने खुद यहां प्रकट होने की इच्छा बताई

वैसे तो देश और दुनिया में भगवान हनुमान जी के बहुत से मंदिर है लेकिन इनमें से कुछ को सिदृध धाम के रूप में पूजे जाते है। आज हम आपको एक ऐसे ही प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के बारे में बताने वाले हैं जहां पर हनुमान जी ने प्रकट होने की खुद अपनी इच्छा बताई थी। अगर हम भगवान हनुमान के इस प्रसिद्ध मंदिर की बात करें तो यह राजस्थान की राजधानी जयपुर से मात्र 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

Samod Veer Hanuman Ji Temple राजस्थान का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल

सामोद वीर हनुमान मंदिर (Samod Veer Hanumanji Temple) की बात की जाए तो यह राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है यहां पर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है और मंदिर तक पहुंचने के लिए सभी भक्तों को हरे भरे मार्ग से होकर सीडीओ की चढ़ाई करते हुए दर्शन के लिए पहुंचना होता है।

Samod Veer Hanuman Ji Mandir मैं स्थापित प्रतिमा

सामोद वीर हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान जी की 6 फीट की प्रतिमा स्थापित है और यहां पर भगवान श्रीराम का भी एक अनूठा मंदिर है। चौमू तहसील के ग्राम नांगल भरडा में यह पुराना मंदिर सामोद पर्वत पर स्थित है।

सामोद वीर हनुमान मंदिर से जुड़ी विशेषताएं

Samod Veer Hanuman Mandir अपने अनूठे पन और चमत्कारिक शक्तियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। सामोद में स्थित भगवान हनुमान के मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्तों को लगभग 1100 सीढ़ियों की चढ़ाई करनी होती है। अजीब बात यह है कि इस मंदिर की कुल सीढ़ियों की संख्या कितनी है यह सही से आज तक कोई भी नहीं बता पाया है। इस प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं और यहां पर भक्तों के रुकने की भी व्यवस्था है।

सामोद वीर हनुमान मंदिर का इतिहास और निर्माण

सीतारामजी, वीर हनुमान ट्रस्ट सामोद द्वारा इस मंदिर को बनाया गया था। इस हनुमान मंदिर निर्माण के पीछे की कहानी बहुत ही अदृभुत है। ऐसा माना जाता है कि है कि यहां पर स्थापित होने के लिए खुद हनुमानजी ने ही आकाशवाणी के माध्यम से अपनी इच्छा प्रकट की थी। यहां हजारों वर्ष पूर्व संत नग्नदास और उनके शिष्य लालदास सामोद पर्वत पर तपस्या करने के लिए आए थे। माना जाता है कि तपस्या के दौरान एक दिन संत नग्नदास ने आकाशवाणी सुनी मैं यहां वीर हनुमान के रूप में प्रकट होऊंगा। उसी समय उन्हें पहाड़ी की चट्टान पर साक्षात हनुमान के दर्शन भी हुए। आकाशवाणी और हनुमानजी के दर्शन के बाद संत नग्नदास हनुमान आराधना में लीन हो गए।

माना जाता है की जिस चट्टान पर उन्हें हनुमानजी के दर्शन प्राप्त हुए थे, उसे वे हनुमानजी की मूर्ति का आकार देने लगे। बाद में मंदिर का निर्माण कराया गया। पहले तो भक्त पहाड़ी के दुर्गम रास्तों से ही दर्शन करने आते थे लेकिन अब भक्तों की सुविधा के लिए यहां पर सीढ़ियों का निर्माण किया गया है और अब एक नए रास्ते का भी यहां पर निर्माण किया गया है जहां से मंदिर तक पहुंचना बहुत आसान हो जाता है।

How to Reach Veer Hanuman Temple (सामोद वीर हनुमान मंदिर कैसे पहुंचे)

जयपुर एयरपोर्ट से चौमूं होते हुए सामोद वीर हनुमान मंदिर की दूरी 54.3 किलोमीटर है। जयपुर से एमसी द्वारा सामोद वीर हनुमान मंदिर पहुंचने में लगभग 45 से 50 मिनट का समय लगता है। सामोद वीर हनुमान जी मंदिर पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन चौमूं है। चौमूं रेलवे स्टेशन से सामोद वीर हनुमान जी मंदिर लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है।

नोट: सामोद श्री वीर हनुमान मंदिर से जुड़ी सभी सोशल मीडिया व ऑनलाइन माध्यम से ली गई है। इसमे कोई गलती होना स्वाभाविक है, हमारे पोर्टल का सर्च दुनिया का उद्देश्य केवल आपको जानकारी प्रदान करना है।

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