सक्सेस स्टोरी
SBI वित्तीय समावेशन मेट्रिक्स रिपोर्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी यहां देखें
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SBI वित्तीय समावेशन मेट्रिक्स रिपोर्ट
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपनी वित्तीय समावेशन मीट्रिक रिपोर्ट जारी की है। इसे भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने तैयार किया है।
भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
Key findings of the State Bank of India report
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय समावेशन नीतियों (financial inclusion policies) का आर्थिक विकास, आय असमानता और गरीबी कम करने पर कई गुना प्रभाव (multiplier effect) पड़ता है। यह वित्तीय स्थिरता के लिए भी अनुकूल है।
- भारत में प्रति 1,00,000 वयस्कों पर बैंक शाखाओं की संख्या 2015 में 13.6 की तुलना में 2020 में बढ़कर 14.7 हो गई है। यह वृद्धि प्रधानमंत्री जन-धन योजना, डिजिटल बुनियादी ढांचे आदि का परिणाम थी।
- यह संख्या जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका की तुलना में अधिक है।
- प्रति 1,000 वयस्कों पर इंटरनेट बैंकिंग लेनदेन 2019 में बढ़कर 13,615 हो गया है, जबकि 2015 में यह 183 था।
- जिन राज्यों में अधिक PMJDY खाते खोले गए, वहां शराब और तंबाकू उत्पादों जैसे नशीले पदार्थों की खपत में उल्लेखनीय और आर्थिक रूप से सार्थक गिरावट दर्ज की गई।
- भारत में बैंकिंग संवाददाता मॉडल को कम लागत पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया गया है। इस प्रकार, बैंकिंग संवाददाता मॉडल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। SBI वित्तीय समावेशन मेट्रिक्स रिपोर्ट
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY)
Pradhan Mantri Jan-Dhan Yojana (PMJDY)
PMJDY वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है। इसे किफायती तरीके से बैंकिंग या बचत और जमा खाते, क्रेडिट, बीमा, प्रेषण और पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 28 अगस्त, 2014 को लॉन्च किया गया था।
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