Sharad Purnima: शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने का महत्व
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हिंदू धर्म में हर महीने में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है l
Sharad Purnima – परंतु इन सभी पूर्णिमाओ में शरद पूर्णिमा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है l
ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ प्रकाशित होते हैं l
और अपनी किरणों के द्वारा धरती पर अमृत की बूंदें गिराते हैं l
इसलिए शरद पूर्णिमा की रात चावल की खीर बनाकर खुलेे में रखा जाता है l
जिससे कि अमृत की बूंदे खीर में गिरती हैं और सुबह होने पर उस खीर को खाना अत्यधिक शुभ माना जाता है l
तथा शरद पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि कौन-कौन रात को जग रहा है l
इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं l
शरद पूर्णिमा की रात खीर का महत्व
शरद पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा भी कहते हैं l

शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा की तिथि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक रहता है और रात को चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण की मात्रा सबसे ज्यादा होती है
जो मनुष्य को कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है l
चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होने के कारण शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर
उसे खुले आसमान के नीचे रखा जाता है जिससे कि पूरी रात में चंद्रमा की किरणों के साथ
औषधीय गुण खीर में आ जाते है और उस खीर को खाने से बीमारियाँ दूर होती है।