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स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 चर्चा में क्यों है? Smart India Hackathon

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 (एसआईएच) छात्रों को समाज, संगठनों एवं सरकार की गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए एक मंच प्रदान करने की एक राष्ट्रव्यापी पहल है। इसके फायदे और यह कैसे काम करती है इसकी सम्पूर्ण जानकारी हम आपको इस आर्टिकल मे बताने वाले है।

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स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 चर्चा में क्यों है?

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को रात 8 बजे स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के ग्रैंड फिनाले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा संबोधित करेंगे।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 (एसआईएच) के बारे में: स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 (एसआईएच) छात्रों को समाज, संगठनों एवं सरकार की गंभीर समस्याओं का समाधान करने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी पहल है।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (SIH) की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी।

इस योजना का उद्देश्य: स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 (SIH) का उद्देश्य छात्रों के मध्य उत्पाद नवाचार, समस्या-समाधान एवं आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोच की संस्कृति को विकसित करना है।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन का महत्व: स्मार्ट इंडिया हैकथॉन देश में विशेष रूप से युवाओं में नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने हेतु प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन पंजीकरण: स्मार्ट इंडिया हैकथॉन की बढ़ती लोकप्रियता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के लिए पंजीकृत टीमों की संख्या पहले संस्करण में लगभग 7500 से चार गुना बढ़कर जारी पांचवें संस्करण में लगभग 29,600 हो गई है।

इस योजना की भागीदारी: इस वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 ग्रैंड फिनाले में भाग लेने के लिए 15,000 से अधिक छात्र एवं संरक्षक 75 नोडल केंद्रों की यात्रा कर रहे हैं।

  • इस वर्ष, स्कूली छात्रों के लिए नवाचार की संस्कृति का निर्माण करने एवं विद्यालय स्तर पर समस्या-समाधान की भावना को विकसित करने के लिए स्मार्ट इंडिया हैकथॉन – जूनियर को एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में प्रारंभ किया गया है।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के तहत समस्या वक्तव्य

2900 से अधिक विद्यालयों एवं 2200 उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र फिनाले में 53 केंद्रीय मंत्रालयों के 476 समस्या वक्तव्यों से निपटेंगे, जिनमें सम्मिलित हैं-

  • देवनागरी लिपियों में मंदिर के शिलालेखों एवं अनुवादों की ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (ओसीआर),
  • खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के लिए शीत आपूर्ति श्रृंखला में इंटरनेट ऑफ थिंग्स-सक्षम जोखिम अनुश्रवण प्रणाली,
  • आपदा प्रभावित क्षेत्रों इत्यादि में इलाके, आधारिक संरचना एवं सड़कों की स्थिति का उच्च-रिज़ॉल्यूशन 3 डी मॉडल।

ये भी पढ़ें – केंद्र सरकार की योजनाओं की लिस्ट

स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम)

  • स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) के बारे में: स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) एक परिवर्तनकारी मिशन है जिसका उद्देश्य देश में शहरी विकास के अभ्यास में एक आदर्श परिवर्तन लाना है।
  • स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) 25 जून, 2015 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ किया गया था।
  • स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत विकसित परियोजनाएं बहु-क्षेत्रीय हैं एवं स्थानीय आबादी की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं।

परियोजना समापन: स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) के तहत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से-

  • अब तक 1,93,143 करोड़ रुपए (मूल्य के हिसाब से 94%) की 7,905 परियोजनाओं के लिए निविदा जारी की जा चुकी है।
  • लगभग 1,80,508 करोड़ रुपए (मूल्य के हिसाब से 88%) की 7,692 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं।
  • 60,919 करोड़ रुपए (मूल्य के हिसाब से 33%) की 3,830 परियोजनाएं भी पूर्ण रूप से पूरी हो चुकी हैं एवं क्रियाशील हैं (10 अप्रैल 2022)।

निधियों का आवंटन एवं उपयोग: स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत 2,05,018 करोड़ रुपए के कुल निवेश में से 93,552 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को केंद्र एवं राज्य निधियों द्वारा विकसित करने का प्रस्ताव किया गया था।

  • अब तक, 92,300 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में से लगभग 100% के लिए कार्य आदेश जारी किया गया है।
  • 2018 से जब मिशन में कुल व्यय 1,000 करोड़ रुपए था, यह बढ़कर 45,000 करोड़ रुपए हो गया है।
  • शहरों को जारी भारत सरकार की कुल निधि का उपयोग प्रतिशत 91% है।

एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी): आज की तारीख में, 80 स्मार्ट शहरों ने देश में अपने एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्रों (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स/आईसीसीसी) का विकास तथा संचालन किया है।

  • ये क्रियाशील एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्रों ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए युद्ध कक्ष के रूप में कार्य किया है।
  • मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट आधारिक संरचना के साथ, एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्रों ने सूचना प्रसार, संचार में सुधार, भविष्यसूचक विश्लेषण एवं प्रभावी प्रबंधन का समर्थन करके महामारी से लड़ने में शहरों की सहायता की।

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