सरकारी योजना एवं सरकारी नौकरियों की ताजा अपडेट के लिए टेलीग्राम जॉइन करें- Click Here
News

Today News In Hindi – मरीज बढ़े तो कुमाऊं में एक महीने में ही बिक गई पांच करोड़ की पैरासिटामोल

Today News In Hindi – मरीज बढ़े तो कुमाऊं में एक महीने में ही बिक गई पांच करोड़ की पैरासिटामोल

SearchDuniya.Com

कोरोना काल में दवाओं का कारोबार आसमान पर पहुंचने लगा है। एक माह के भीतर कुमाऊं में पांच करोड़ की पैरासिटामोल बिक गई। जबकि कोरोना में प्रयोग हो रही एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन का भी दो-दो करोड़ का कारोबार हुआ है।

अप्रैल के दूसरे सप्ताह से कोविड के केस अचानक बढ़ने शुरू हो गए थे। इसके साथ ही दवाओं की बिक्री भी तेज हो गई। लोग पहले से ही दवाएं खरीदकर भी घर पर रख रहे थे। ऊधमसिंह नगर और हल्द्वानी से ही दवाएं पर्वतीय जिलों को जाती हैं। डॉक्टर भी अधिकतर कोविड मरीजों को एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन लिख रहे थे। साथ में साढ़े छह सौ मिलीग्राम की पैरासिटामोल भी दी जा रही थी। इसके अलावा बी कांप्लेक्स जिंक के साथ, विटामिन सी और आइवरमेक्टिन टैबलेट भी लिख रहे थे।

 

Today News In Hindi – मरीज बढ़े तो कुमाऊं में एक महीने में ही बिक गई पांच करोड़ की पैरासिटामोल

बी कांप्लेक्स जिंक के साथ और विटामिन सी  का भी दो-दो करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। इसके अलावा आइवरमेक्टिन भी करीब 50 लाख रुपये की बिकी हैं। कुमाऊं में विटामिन डी के पाउच और कैप्सूल की करीब पचास लाख के बिक्री हुई। सांस फूलने के साथ इंहेलर भी मरीजों को लिखे जा रहे थे। इनके अलावा नीमोलाइजर में प्रयोग होने वाली दवा भी दो से ढाई करोड़ की बिकी हैं।

खून पतला करने वाले इंजेक्शन की कमी 

कोविड मरीजों को खून पतला करने वाला इंजेक्शन दिया जा रहा है। इंजेक्शन की कमी अभी बाजार में चल रही है। इसके अलावा डॉक्सीसाइक्लिन और एजिथ्रोमाइसिन की कमी भी बनी हुई है। विशाल मेडिकोज के मालिक विशाल ने बताया कि कुछ-कुछ दिनों के अंतराल पर दवाएं आ रही हैं। इंहेलर की कमी नहीं हो रही है। दूसरी ओर दवा कारोबारी नवनीत राणा ने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर भी करीब 70 से 80 लाख रुपये के बिक गए, जबकि स्टीमर का कारोबार भी 25 से 30 लाख के बीच हुआ।

आयुष 64 और कोरोनिल गायब

कोरोना के इलाज में इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर प्रयोग की जा रही आयुर्वेदिक दवा आयुष 64 और पतंजलि ब्रांड की कोरोनिल बाजार में नहीं है। इन दिनों इन दोनों दवाओं के लिए मारामारी मची है। मेडिकल स्टोर स्वामियों का कहना है कि इन दवाओं की कमी बनी हुई है। ऊपर से सप्लाई प्रभावित है। बता दें कि पीएम मोदी भी आयुष 64 दवा बंटवाने के लिए बोल चुके हैं, लेकिन दवा की कमी के बीच लोगों को यह कब तक उपलब्ध हो पाएगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। वहीं, जिले में आइवरमेक्टिन की 48 लाख गोलियां बांटी जानी हैं। ये गोलियां बीएलओ, आशा कार्यकर्ता और ग्राम प्रधान के सहयोग से घर-घर पहुंचाने की तैयारी है, लेकिन लोगों को यह दवा कब तक उपलब्ध होगी पता नहीं।

पैरासिटामोल और एंटीबायोटिक की मांग बढ़ गई थी। पैरासिटामोल करीब साढ़े चार से पांच करोड़ की और एंटीबायोटिक दो-दो करोड़ की बिक चुकी हैं। इसके अलावा विटामिन सी, विटामिन डी और बी कांप्लेक्स के साथ जिंक की मांग अधिक थी और बिक्री भी अधिक हुई।

 

ताजा खबरें सबसे पहले देखने के लिए WhatsApp Group Join करें - Click Here
ताजा खबरें सबसे पहले देखने के लिए Google News Follow करें - Click Here

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button