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पूजा विधि

Mahashivratri Puja Samagri, महाशिवरात्रि पूजा मे यह सामग्री करें शामिल होगी मनोकामना पूरी

Mahashivratri Puja Samagri: महाशिवरात्रि पूजा सामग्री

Mahashivratri Puja Samagri, महाशिवरात्रि पूजा मे यह सामग्री करें शामिल होगी मनोकामना पूरी, Mahashivratri Puja Samagri Kya Hai, महाशिवरात्रि पूजा सामग्री की पूरी जानकारी आपको नीचे बताई गई है।

इस वर्ष महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 को मनाई जाएगी बेल के पत्ते महाशिवरात्रि पूजा सामग्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो पूजा के दिन ही नहीं तोड़े जाने चाहिए।

भगवान शिव की पूजा मे इन छीजो की होती है आवश्यकता

  1. शिव लिंग या भगवान शिव की एक तस्वीर
  2. बैठने के लिए ऊन से बनी चटाई
  3. कम से कम एक दीपक
  4. कपास की बत्ती
  5. पवित्र बेल
  6. कलश या तांबे का बर्तन
  7. थाली
  8. शिव लिंग रखने के लिए सफेद कपड़ा
  9. माचिस
  10. अगरबत्तियां
  11. चंदन का पेस्ट
  12. घी
  13. कपूर
  14. रोली
  15. बेल के पत्ते (बेलपत्र)
  16. विभूति- पवित्र आशु
  17. अर्का फूल

नीचे बताए गए वैकल्पिक सामग्री हैं

  1. छोटी कटोरी
  2. गुलाब जल
  3. जैफली
  4. गुलाल
  5. भंग

शिव और शक्ति का हुआ था मिलन

महाशिवरात्रि को लेकर बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। जिसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ। और इसी कारण इस दिन को अत्यन्त ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है।

Mahashivratri 2022: पूजा सामग्री

भगवान शिव पर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें. पजून करें और अंत में आरती करें।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

  • महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग को चन्दन का लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं।
  • दीप और कर्पूर जलाएं।
  • पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • शिव को बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें।
  • शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें।
  • होम के बाद किसी भी एक साबुत फल की आहुति दें।
  • सामान्यतया लोग सूखे नारियल की आहुति देते हैं।

प्रहर के अनुसार शिवलिंग स्नान विधि

सनातन धर्म के अनुसार शिवलिंग स्नान के लिये रात्रि के प्रथम प्रहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घृत और चौथे प्रहर में मधु, यानी शहद से स्नान कराने का विधान है।

Mahashivratri Puja, भगवान शिव को ऐसे चढ़ाएं बेलपत्र

माना जाता है की शिवलिंग पर हमेशा उल्टा बेलपत्र ही अर्पित करना चाहिए, बेल पत्र का चिकना भाग अंदर की तरफ यानी शिवलिंग की तरफ होना चाहिए।

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