Make in India 2022, मेक इन इंडिया 2022 के फायदे क्या है जानिए
Make in India Registration, मेक इन इंडिया कार्यक्रम क्या है
Make in India 2022, मेक इन इंडिया 2022 के फायदे क्या है जानिए
मेक इन इंडिया 2022 (Make in India 2022) मेक इन इंडिया क्या है, मेक इन इंडिया कार्यक्रम कब शुरू हुआ, मेक इन इंडिया के फायदे, मेक इन इंडिया रजिस्ट्रेशन, मेक इन इंडिया से रोजगार के अवसर पर क्या प्रभाव पड़ा पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल मे बताई गई है।
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देश मे वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ाने व देश का तेजी से विकास करने के लिए 25 सितंबर, 2014 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा एक प्रोग्राम शुरू किया गया इस प्रोग्राम का नाम है “मेक इन इंडिया”। देश मे आयात को कम करने और देश मे बनी वस्तुओं का अधिक उपयोग करने पर बल देने के लिए ही वर्ष 2014 मे इस कार्यक्रम को शुरू किया गया।
मेक इन इंडिया का डिजाइन 2022, Make in India Design 2022
मेक इन इंडिया कार्यक्रम की डिजाइन Wieden Canady द्वारा तैयार करने के बाद इस कार्यक्रम की डिजाइन को तैयार करने के बाद प्रधानमंत्री जी के पास इसका प्रपोजल भेजा गया। उनकी स्वीकृति के बाद ही इस प्रोग्राम को लांच किया गया।
Make in India Logo 2022, मेक इन इंडिया का लोगो 2022
“मेक इन इंडिया” का लोगो एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी द्वारा तैयार किया गया था। इस लोगों के द्वारा भारत को Manufacturing Hub के तौर पर दर्शाया गया। Manufacturing Hub का अर्थ है कि जितनी भी चीजें उद्योगों में तैयार की जाती है वे सभी भारत में ही निर्माण की जाएंगी। भारत के बुनियादी ढांचे को इस तरह से विकसित किया जाएगा कि भारत को किसी भी वस्तु के लिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। भारत एक मैन्युफैक्चरिंग हब है यही दर्शाने के लिए “मेक इन इंडिया” प्रोग्राम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियां मिलने के बावजूद खड़ा किया गया।
Make in India Objectives, मेक इन इंडिया को लॉन्च करने का उद्देश्य
मेक इन इंडिया को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य भारत को विनिर्माण क्षेत्र में इंटरनेशनल स्तर पर आगे लाना है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु National Manufacturing Policy है अर्थात हर प्रकार की मैन्युफैक्चरिंग इंडिया में ही की जाए। इसी को ध्याम मे रखते हुये केंद्र में रखकर “मेक इन इंडिया” को लांच किया गया। ताकि भारत की कंपनियां व उद्योग बिना किसी प्रकार की रुकावट के निर्माण तथा विनिर्माण में आगे बढ़े, इसीलिए “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम को निरंतर जारी रखा गया।
मेक इन इंडिया अभियान चार स्तंभ
Make in India New Business 2022, मेक इन इंडिया नए कारोबार 2022
मेक इन इंडिया के द्वारा अपना कारोबार शुरू करने का निश्चय किया गया है। सबसे पहला स्तंभ यही है कि देश में नए कारोबार शुरू करने के लिए कारोबारियों, उद्योगपतियों और लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए डी लाइसेंस और डी रेगुलर मुहैया करवाकर उद्योगों को कम टैक्स में अधिक काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बिजनेस करने के लिए एक ई-बिज़ पोर्टल तैयार किया जाएगा, जहां एक ही प्लेटफार्म पर अलग-अलग उद्योगों से संबंधित जानकारियां उद्योगपतियों को प्रदान की जाएंगी। पोर्टल शुरू करने का कारण यही है कि लोगों को 24 घंटे सेवाएं प्रदान की जा सके, और उनके कारोबार से जुड़ी जानकारी समय-समय पर उन तक पहुंचाई जाए।
मेक इन इंडिया 2022 निर्माण के नए क्षेत्र, Make in India New Project
इस कार्यक्रम के तहत कारोबारियों को निर्माण के नए क्षेत्र उपलब्ध करवाने की कोशिश की जाएगी जिससे लोग पुरातन तरीकों से किए जाने वाले कारोबार से हटकर कुछ नया करने की कोशिश में लग जाएं।
परिवर्तन के लिए नई सोच, New Mindset
उद्योग कारोबार व कंपनियां उनकी सोच को परिवर्तित करने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी। विदेशी कंपनियों को आकर्षित किया जाएगा कि वह भारतीय कंपनियों में निवेश करें।
मेक इन इंडिया 2022 से जुड़ी विशेष बातें, Make in India 2022 Important Guidelines
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश
13 फरवरी 2016 को मुंबई बांद्रा में कुर्ला कंपलेक्स में MMRDA Ground में एक अंतर्राष्ट्रीय लेवल का प्रोग्राम किया गया; जिसमें 2500 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया। यहीं पर “मेक इन इंडिया” के अंतर्गत भारत की 68 शहरी कंपनियों तथा 8000 घरेलू उद्योगों ने भाग लिया। इस प्रोग्राम में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा महाराष्ट्र को 8 लाख करोड़ का निवेश प्रदान किया गया। यह निवेश प्राप्त होने का कारण यही था कि “मेक इन इंडिया” कैंपेन ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अपनी तरफ आकर्षित किया ताकि वह कंपनियां इंडियन कंपनियों में निवेश करें। इंटरनेशनल कंपनियों के निवेश करने से भारत की कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग में आर्थिक सहायता मिल पाएगी। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने सिर्फ इसीलिए निवेश किया क्योंकि “मेक इन इंडिया” प्रोग्राम ने उन्हें अपनी तरफ आकर्षित किया।
मेक इन इंडिया रक्षा बढ़ावा 2022, Make in India Defense 2022
रूस की “Irkut Corp Company” से “मेक इन इंडिया” प्रोजेक्ट के लिए जब बात की गई, रूस की इस कंपनी ने “मेक इन इंडिया” प्रोजेक्ट के लक्ष्य से प्रभावित होकर इस प्रोजैक्ट के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की। उस समय भारत दुनिया की पहली प्राथमिकता बन गया। इंटरनेशनल कंपनियां भारत को विनिर्माण के क्षेत्र में प्राथमिकता देने लगी।
वर्ष 2015 में इसी प्रोग्राम के द्वार भारत विनिर्माण के क्षेत्र में अमेरिका और चाइना जैसे विकसित देशों से कहीं आगे निकल गया। 2015 में ही 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश इंटरनेशनल कंपनियों द्वारा भारतीय उद्योगों में किया गया।
वर्ष 2016 में इसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत विनिर्माण क्षेत्र में भारत को 60 बिलियन डॉलर विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। जो 2020 में बढ़कर 400 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यह अपने आप में एक बहुत बड़ा कीर्तिमान है। इस कीर्तिमान को स्थापित करने में “मेक इन इंडिया” का बहुत बड़ा योगदान है।
FDI ( first development India)/(foreign direct investment)
निर्माण और विनिर्माण में भारत दुनिया को पहली प्राथमिकता बनाने और विदेशी कंपनियां भारत के उद्योगों में निवेश करें, इसीलिए इस प्रोग्राम को विश्व स्तर पर रखा गया। इससे प्रभावित होकर विदेशी कंपनियों ने भारत के विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश भी किया।
FDI limited areas
भारत के पहली प्राथमिकता बनने के उपरांत भारत में निवेश करने के लिए 3 क्षेत्र चुने गए,
74% अंतरिक्ष, 49% रक्षा, और 49% न्यूज़ मीडिया
विदेशी कंपनियां इन तीनों क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं। पूर्ण तौर पर इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट को जारी नहीं किया गया।
GDP ( gross domestic product)
जीडीपी का मतलब है घरेलू स्तर पर बनाए गए उत्पाद, उत्पादों की बिक्री गुणवत्ता व पूरे भारत में उत्पादों की सेल, उत्पादों का निर्माण। “मेक इन इंडिया” प्रोग्राम के अंतर्गत भारत की औद्योगिक जीडीपी को बढ़ाने के लिए विदेशी कंपनियों को निवेश करने के लिए प्रभावित किया गया। जिससे जीडीपी का 2015-16 में तेजी उछाल आया।
Make in India 2022 Mobile Phone Manufacturing, मेक इन इंडिया 2022 मोबाइल फोन निर्माण में योगदान
“मेक इन इंडिया“ के तहत भारत फोन निर्माण में फोन निर्माता के के ममने मे पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर आ गया। पहले जहां फोन निर्माण में भारतीय कंपनियों की गिनती केवल 2 थी; “मेक इन इंडिया” की वजह से वह गिनती 2 से बढ़कर 120 हो गई थी। पूरी दुनिया में भारत फोन निर्माण में दूसरे नंबर पर पहुंच गया। यह भी देखें – केंद्र सरकार की योजनाओं की लिस्ट
इस कार्यक्रम के तहत निर्माण तथा विनिर्माण के लिए निर्धारित किए गए क्षेत्र
- ऑटोमोबाइल (Automobile)
- जैव प्रौद्योगिकी
- निर्माण (Manufacturing)
- रक्षा विनिर्माण
- इलेक्ट्रिकल मशीनरी
- इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियां
- खाद्य प्रसंस्करण
- सूचना प्रौद्योगिकी और बिजनेस प्रोसेस अरेंजमेंट
- चमड़ा
- मीडिया एंटरटेनमेंट
- खनिज
- आयल गैस
- फार्माक्यूटिकल
- सड़क राजमार्ग
- रेलवे
- नवीकरणीय ऊर्जा
- अंतरिक्ष और खगोल साइंस
- कपड़ा और परिधान
- तापीय ऊर्जा
- पर्यटन और आतिथ्य
- कल्याण
- गाड़ियां
- बंदरगाह और शिपिंग
Make in India 2022 Benefits, “मेक इन इंडिया“ के फायदे
- देश मे काम आने वाली सभी वस्तुओं व सेवाओं का निर्माण भारत मे होने से देश का तेजी से विकास होगा।
- विदेशी कंपनियां द्वारा भारतीय उद्योगों में निवेश करने से भारतीय कंपनियों को फायदा होगा, भारत सरकार को भी लाभ होगा।
- रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे और बेरोजगार युवक युक्तियां रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।
- बिजनेस करने में भी आसानी होगी।
- “मेक इन इंडिया” की वजह से इंटरनेशनल लेवल पर भारत की रैंकिंग सुधर जाएगी।
- विदेशी कंपनियों को भारत में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे भारत को फायदा होगा। भारत वासियों को फायदा होगा और रोजगार के अधिक साधन प्राप्त होंगे।
- भारत की आर्थिक व्यवस्था में सुधार होगा।
- “मेक इन इंडिया” से उद्योगों में पारदर्शिता बढ़ जाएगी और भ्रष्टाचार में कमी होगी।
- हर एक को काम मिल जाएगा, जिससे बेरोजगारी खत्म होगी।
- सभी विनिर्माण क्षेत्र में लगे हुए उद्योगों को नई तकनीकी रॉयल्टी प्रदान की जाएगी।
- बिजनेस लाइसेंस को बढ़ाकर 3 वर्ष कर दिया जाएगा, जिससे उद्योगों को बहुत फायदा मिलेगा।
- भारत का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा।
- विदेशी कंपनियों से सामान मंगवाने की आवश्यकता नहीं होगी, पुर आवश्यक सामान भारतीय उद्योगों में ही तैयार होने से भारतीय अर्थव्यवस्था मे भी सुधार होगा।
- विनिर्माण के क्षेत्रों में बढ़ोतरी होगी, नए संसाधन शुरू करने के लिए लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- कारोबार को लेकर कारोबारियों, उद्योगपतियों और लोगों में नई सोच का निर्माण होगा।
- कस्टम ड्यूटी पर भी कंट्रोल किया जाएगा।
- उद्योगों और कंपनियों को इलेक्ट्रिसिटी के लिए एनओसी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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Make in India की ताजा अपडेट कहां से देखें
“मेक इन इंडिया” से जुड़ी सभी ताजा अपडेट व अधिक जानकारी के लिए आप इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते है। इसका डायरेक्ट लिंक आपको नीचे दिया गया है।
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