पश्चिम बंगाल में बोर्ड परीक्षा के एक प्रश्न से शुरू हुआ विवाद
Board exam 'Azad Kashmir' Controversy
Board exam ‘Azad Kashmir’ Controversy: पश्चिम बंगाल में बोर्ड परीक्षा के एक प्रश्न से विवाद शुरू हो गया। यह प्रश्न भारत के अभिन्न अंग कश्मीर से संबंधित है, जिसको आजाद कश्मीर के नाम से संबोधित किया गया। जिसके बाद राज्य की राजनीति में यह विवाद का बड़ा मुद्दा बन रहा है। विपक्षी पार्टी ने राज्य सरकार और ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह अलगाववादी समर्थक है। यह मामला केंद्र सरकार तक जब पहुंचा तो केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने इस मामले की जांच करने का आदेश दिए।
यह है पूरा मामला
सोशल मिडिया पर इन दिनों पश्चिम बंगाल में इतिहास विषय में कक्षा 10 के बोर्ड मॉडल प्रश्न पत्र में 132 पेज नंबर से एक प्रश्न वायरल हो रहा है, जिसके ‘आज़ाद कश्मीर’ को अंकित करने को कहा है दरअसल इस प्रश्न में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आज़ाद हिन्द के सम्बोधित किया है। विवाद यह है कि इसको आज़ाद हिन्द के नाम की संज्ञा क्यों दी गयी? जिसको लेके राजनीती गहमा- गहमी शुरू हो गयी है। यह मुद्दा मालदा जिले के, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विद्यामंदिर का है,
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने की जाँच की मांग
जहाँ सरकार पर अलगाववादी समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं , वहीं यह मुद्दा केंद्र सरकार तक जब पहुंचा तो डॉ सुभाष सरकार केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने इस मुद्दे पर तुरंत जाँच करने कि मांग की तथा पेपर तैयार करने वाले को राष्ट्रीय विरोधी कहा, जो आतंक व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है । राज्य शिक्षा मंत्री को इस टेस्ट पेपर की सेल पर पाबन्दी लगानी चाहिए।
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर लगाया आरोप
विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व TMC पार्टी पर अलगाववादी होने का आरोप लगाया, बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने लिखा कि ” “ममता सरकार अलगाववादियों की समर्थक है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आज़ाद कश्मीर के रूप में पहचाने जाने को कह रही है । यह सरकार न केवल उग्रवादियों का के पक्ष में है , बल्कि छात्रों में भारत के लिए विरोधी भाव को जन्म दे रही है ”
स्कूल प्रबंधक ने क्या कहा?
प्रधानाध्यापक स्वामी तपहरणनंद ने इस संदर्भ में बताया कि यह हमारे इतिहास विभाग के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया प्रश्न पत्र है। परन्तु इसमें इनकी कोई ग़लत सोच नहीं थी। इतिहास में ऐसी बात कहीं गयी है तभी इस प्रश्न को शामिल किया गया है तथा ऐसे प्रश्नों को देखा हुआ है। यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कोई विचार नहीं