मां ब्रह्मचारिणी की आरती, Maa Brahmacharini ki Aarti
Maa Brahmacharini ki Aarti - जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता, जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ।।
मां ब्रह्मचारिणी की आरती, Maa Brahmacharini ki Aarti
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जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता ।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ।।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो ।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो ।।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा ।
जिसको जपे सकल संसारा । ।
जय गायत्री वेद की माता ।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता । ।
कमी कोई रहने न पाए ।
कोई भी दुख सहने न पाए । ।
उसकी विरति रहे ठिकाने ।
जो तेरी महिमा को जाने ।।
रुद्राक्ष की माला ले कर ।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर ।।
आलस छोड़ करे गुणगाना ।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना । ।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम ।
पूर्ण करो सब मेरे काम ।।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी ।
रखना लाज मेरी महतारी ।।
मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र-
दधाना करपाद्माभ्याम, अक्षमालाकमण्डलु।
देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
मां ब्रह्मचारिणी की स्तुति
जय माँ ब्रह्मचारिणी, ब्रह्मा को दिया ग्यान ।
नवरात्री के दुसरे दिन, सारे करते ध्यान ।।
शिव को पाने के लिए किया है तप भारी ।
ओम नम: शिवाय जाप कर, शिव की बनी वो प्यारी ।।
भक्ति में था कर लिया, कांटे जैसा शरीर ।
फलाहार ही ग्रहण कर, सदा रही गंभीर । ।
बेलपत्र भी चबाये थे, मन में अटल विश्वास ।
जल से भरा कमंडल ही, रखा था अपने पास ।।
रूद्राक्ष की माला से, करूँ आपका जाप ।
माया विषय में फंस रहा, सारे काटो पाप । ।
नवरात्रों की माँ, कृपा करदो माँ ।
नवरात्रों की माँ, कृपा करदो माँ । ।
जय ब्रह्मचारिणी माँ, जय ब्रह्मचारिणी माँ । ।