चाणक्य नीति – सामने वाले को परखने के लिए अपनाएं यह 4 तरीके, जीवन में कभी नहीं खाओगे धोखा

चाणक्य नीति – सामने वाले को परखने के लिए अपनाएं यह 4 तरीके, जीवन में कभी नहीं खाओगे धोखा
चाणक्य नीति, अपनी लाइफ में सब खुशी रहना चाहते हैं तथा सुख शांति के साथ जीवन को जीना चाहते हैं.
इसके लिए आचार्य चाणक्य ने कुछ नीतियां बताइ हैं.
यदि आप आचार्य चाणक्य की इन नीतियों को अपने जीवन में उतार लेंगे तो आप भी खुशहाल जीवन जी सकते हैं. आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के द्वारा बताई गई नीतियां और सुविचार ओं के बारे में.
आचार्य चाणक्य की नीतियां और विकास भले ही आपको कड़वे लगे लेकिन यही जीवन की वास्तविक सच्चाई है.
आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां और विचारों को हम आज अपने जीवन में भले ही नजरअंदाज कर दें.
लेकिन यह हमारे जीवन मैं हमेशा हमारी मदद करते हैं.
आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार के बारे में जानेंगे.
आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए विचारों में आज हम जानेंगे कि हम सामने वाले व्यक्ति को किस प्रकार परख सकते हैं.
‘किसी की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह लो, किसी के गुण देखने हों तो उसके साथ भोजन करो,
किसी की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो और किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्ज दो’
आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस कथन में मनुष्य को किन चीजों पर परखना चाहिए ये बताया है. आचार्य के अनुसार मनुष्य को चार चीजों पर परखना चाहिए. ये चार चीजे हैं- किसी से सलाह लेना, किसी के साथ भोजन करना, सम्मान देना और किसी को कर्ज देना.
चाणक्य नीति, अपनी वास्तविक जिंदगी में आंख बंद करके किसी पर भरोसा करना मुश्किल होता है.
हां जबकि कुछ लोग भरोसा करते हैं तो कुछ लोग नहीं करते.
भरोसा कमाने में तो कई साल लग जाते हैं या कहीं तक पूरी जिंदगी लग जाती है लेकिन भरोसे को खोने में तो एक पल ही काफी होता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार इन चार बातों से करें व्यक्ति की परख
सबसे पहले बात करते हैं किसी की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह लो. आचार्य चाणक्य ने कहा है कि किसी इंसान की अच्छाई देखनी हो तो उससे सलाह हो.
कई बार इंसान सामने वाले को वही सलाह देता है जो वो खुद आजमाता है.
वहीं कई बार वो सामने वाले को ऐसी सलाह देता जो प्रैक्टिकल तौर पर मुनासिब ना हो.
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के गुण देखने हो तो उसके साथ भोजन करना चाहिए
तथा यह ध्यान रखना चाहिए कि भोजन उसने खुद बनाया है,
तो भोजन कैसा बना है भोजन परोसने का तरीका क्या है,
खाना किस प्रकार खा रहा है आदि कई तरह से आप व्यक्ति की परख कर सकते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो. आचार्य के इस कथन का अर्थ है कि अगर किसी की आदत देखनी हो तो उसे सम्मान दो. सामान देने से आपको ये पता चल जाएगा कि सामने वाला उस सम्मान के लायक है कि नहीं. कई लोग ज्यादा सम्मान मिलने पर इतराने लगते हैं तो कई लोग वैसे ही रहते हैं जैसे कि पहले थे.
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की नियत देखने के लिए उसे कर्ज देना चाहिए और जब व्यक्ति तय किए गए समय पर कर्ज नहीं लौट आता है तो उसकी नियत हमें समझ आती है यदि व्यक्ति कर्ज समय पर लोटा देता है तो उसकी नियत सही होती है.
जबकि कई लोग ऐसे होते हैं.
जो कर्ज लेकर भूल ही जाते हैं कि उन्हें कर्ज की राशि वापस भी करनी है.