आयुष्मान भारत योजना से सैकड़ो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का हुआ इलाज
आयुष्मान भारत योजना से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का हो रहा इलाज
आयुष्मान भारत योजना से सैकड़ो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का हुआ इलाज
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आयुष्मान भारत योजना कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के लिए बनी वरदान | आयुष्मान भारत योजना से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का हो रहा इलाज | आयुष्मान भारत योजना का लाभ | आयुष्मान भारत योजना से फ्री इलाज कैसे करवाये
Aayushman Bharat Yojana
आयुष्मान भारत योजना एक स्वास्थ्य योजना है जो की भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है । शुरुआती दोर मे तो नहीं लेकिन बाद मे कोविड-19 के मरीजो के खूब काम आई है । और इनके इलाज पर दो करोड़ रुपये से अधिक राशि भी खर्च की गई। इसका लाभ हजारीबाग, रांची जैसे अग्रणी जिलों को तो मिला ही, सिमडेगा में भी लोगों ने इस योजना का भरपूर फायदा उठाया। राज्य में आयुष्मान के लाभुकों में तीसरे नंबर पर सिमडेगा का नंबर है। प्रदेश में कुल 1159 लोगों को कोरोना संक्रमण के बाद इलाज में आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला।
जामताड़ा, धनबाद व देवघर में आंकड़ा दस के नीचे
कोरोना संक्रमण के पहले दौर में वैसे तो पूरे राज्य में लोगों को कम ही लाभ मिला लेकिन दूसरे दौर में आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के लिए यह योजना सहायक बनी। कुछ जिलों में अस्पताल में भर्ती होनेवाले मरीजों की संख्या तो सम्मानजनक रही तो कुछ जिलों में इनकी संख्या ना के बराबर रही। ऐसे जिलों में धनबाद जैसे विकसित जिले भी शामिल हैं ।
कोरोना की दोनों लहरों को मिलाकर धनबाद में 6, जामताड़ा में 6 और देवघर में 8 मरीजों को इस योजना का लाभ मिला। सबसे अधिक लाभ रांची में मरीजों को मिला। यहां 198 लोगों ने इस योजना के माध्यम से इलाज कराया। इसके बाद हजारीबाग के 171 लोग और सिमडेगा के 124 लोगों का नंबर आता है । इन तीन जिलों के अलावा राज्य के अन्य 18 जिलों के आंकड़े दो अंकों में रहे और अधिकतम 50 के आसपास ही गए ।
18 हजार रुपये से अधिक का औसत लाभ
माना जा रहा है कि राज्य में अभी तक कोरोना संक्रमण से ग्रस्त होकर लगभग 60 हजार लोग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं और इसमें से 1159 को आयुष्मान योजना का लाभ मिला। इस प्रकार कुल संक्रमित लोगों में से दो फीसद ही इस योजना का लाभ उठा सके। इन लोगों पर दो करोड़ नौ लाख एक हजार 612 रुपये खर्च हुए हैं। इस प्रकार औसतन प्रति व्यक्ति खर्च 18 हजार रुपये से अधिक का है ।
कम मरीजों के पीछे ये हो सकते हैं कारण
ज्यादा लाभुक ग्रामीण क्षेत्रों के हैं जहां संक्रमण कम हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक शहरी क्षेत्रों के लोग अधिक बीमार हुए।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता के अभाव के कारण जांच नहीं करा पाना तथा अप्रशिक्षित चिकिसकों से इलाज कराना।
योजना के तहत कोरोना के इलाज भी शामिल होने की जानकारी का अभाव।
सूचीबद्ध अस्पतालों में कड़ाई से यह योजना लागू नहीं करा पाना।